"सितारे"
गिनने की कोशिश की तारो को,
सौ बार नहीं हजार बार ,
पाने की कोशिश की इन सितारों को ,
हस्ते और गाते चमकते है ,
रात अँधेरे में।
खुसियों से बंधे रहते है ख्वाब में ,
कितने सारे है ये आसमान में,
रोशनी से अपनी जगमगा देते है ,
काली रात को।
मिटा देते है अपनी रौशनी से ,
राते की काली हस्तियां को ,
कभी सुनो तो क्या कहते है ,
शायद खुश रहने का देते है संदेश।
कवि: साहिल कुमार, कक्षा: 9th,
अपना घर।