सोमवार, 29 अप्रैल 2024

कविता: "विशवास "

 "विशवास "
मै क्यों हर पल रुक जाता हूँ ,
न चाहकर भी मै डर जाता हूँ | 
सारी चीजे मालूम है मुझको ,
पर अंदर से हिचकिचाता हूँ | 
हर वक्त सोचा है उनको ,
पर क्यों कुछ कह नहीं पाता हूँ | 
मै क्यों हर पल रुक जाता हूँ ,
मरती आशाओ में डूब जाता हूँ | 
मै क्यों हर पल रुक जाता हूँ | 
न चाहकर भी मै डर जाता हूँ,
कवि :बिट्टू कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

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