गुरुवार, 14 मई 2020

कविता : प्यारी नींद

" प्यारी नींद "

हमको प्यारी नींद हमारी,
हमको है नींद भाती | 
हर पल वो हमें बुलाती,
हमसे कभी दूर न जाती |
सपनों की दुनियाँ में खेल खिलाती,
रोता हूँ तो वह मुझे हँसती | 
सर्दी - गर्मी से हमें फर्क न पड़ता,
सोने का बस मन है करता | 
हिलाते - डुलाते हैं हजारों लोग,
पर सोने पर न कोई दोस | 
हमको प्यारी नींद हमारी | | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता जिसका शीर्षक " प्यारी नींद " कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप ने यह कविता अपनी इच्छा प्रकट करने के लिए लिखी है जो की सबको प्यारी होती है और वो है नींद | कुलदीप को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है | 

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