" नएपन के ख़ुशी में "
हमें गुदगुदाओ इस नयापन के ख़ुशी में ,
निकलो उस दुखी दहलीज़ से |
जिसमें गुदगुदी के लम्हें हो,
जिओ ख़ुशी के पक्षिओं की तरह,
जिस पक्षी के कुछ गीत हो |
हमेशा तुम चहचहाना सीखो,
हर दिन को खाश बनाना सीखो |
उन दिनों की यादों को भूल न पाय,
याद करो फिर भी याद दिलाय |
यूँही नए पल के लम्हें जो बीते,
गुमसदी के पलों को दरिया में दफना दे |
कवि : राज कुमार , कक्षा : 8th ,अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जो की कक्षा 8 के विद्यार्थी हैं | 2013 से यहाँ रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | वैसे तो यह हमीरपुर के निवासी हैं पढ़ाई में तो अच्छे हैं और कवितायेँ भी अच्छी लिखते हैं |
1 टिप्पणी:
वाह ! अच्छा लिखे हो ।
एक टिप्पणी भेजें