सूरज
मैं प्यार की चाह रखता हूँ ,
आग की तरह तपता हूँ /
तपन मेरा मर्ज़ है ,
लाखों जिंदगियों का दर्द है /
रंग रूप मेरे साथ है ,
बाकि सारा बदन खाक है /
मैं दूर हूँ न पास हूँ ,
मैं तो सभी की आश हूँ /
मैं प्यार की चाह रखता हूँ ,
आग की तरह तपता हूँ /
अँधेरी जिंदगी में उजाला भरता हूँ ,
न ही किसी से डरता हूँ /
मैं तो एक सूरज हूँ ,
न ही किसी की मूरत हूँ/
नाम = राजकुमार
कक्षा =7tn
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