मंगलवार, 29 नवंबर 2016


  • सागर  के लहरे गाते है
  • हवा के वाहब गाते 
  • झूंम उठती है लहरे सारी 
  • चल पड़ती है हवाए सारी 
  • हवो के इस चल से 
  • झूम उठती  हरियाली सारी 
  • लहरे के चलने से 
  • झूम उठता समुन्दर सारा 
नितीश  कुमार 
९. ११. १६ 

कोई टिप्पणी नहीं: