गुरुवार, 3 नवंबर 2016

sagar

        सागर 
सागर के लहरे गाते है /
हवा के वाहब  भी गाते है/ 
झुम उठती सारी  
चल पड़ी  हवाए  सारी 
हवो के इस चल से 
झुम उठते पे ड़ सारे 
लहरे के इस चल से 
उठते है लहरे सारी 

              नितीश  कुमार 
               अपना घर 
                  कानपुर    

1 टिप्पणी:

Danger School ने कहा…

बहुत सही बात कही आपने । नीतीश जी ।