दुनियां ये दुनियां एक सुहाना सफर है. इस पे चलना सीखना ,बहुत ही जरुरी है/ हर पग समहाल कर रखना, क्योकि हर जगह मुसीबतों की डोरी है। पीछे जो मै छोड़ चुका हूँ, अब तो वो एक कहानी है / अब तो इंतजार है वो सुबह , जो कल खुशियां बन के आनी है / देवराज कुमार अपना घर
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