मन
घूम के क्यों आ जाता है ,
सपने सबके भुला जाता है ......
नींद में भी ख़्वाब आता है,
आँखे खोलते ही गायब हो जाता है .....
सो जाने पर चला जाता मन,
गाँव-शहर घूम आता मन .....
घूम के क्यों आ जाता है ,
सपने सबके भुला जता है......
घूम के क्यों आ जाता है ,
सपने सबके भुला जाता है ......
नींद में भी ख़्वाब आता है,
आँखे खोलते ही गायब हो जाता है .....
सो जाने पर चला जाता मन,
गाँव-शहर घूम आता मन .....
घूम के क्यों आ जाता है ,
सपने सबके भुला जता है......
लेखक : ज्ञान कुमार
कक्षा : 8
अपना घर
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