शुक्रवार, 4 मार्च 2011

कहानी - समाज कुछ कहता हैं

शीर्षक  - "समाज कुछ कहता हैं "
हमने सुना हैं कि समाज कुछ कहता हैं |आखिर कहता हैं ,तो क्या कहता हैं ? जरा मैं भी तो जानू कि समाज हम सब से क्या कहता हैं ? समाज तो यह कहता हैं कि लोगों की मदद करो , आपस में एक दुसरे से प्रेम करो ,भेद भाव न रखो ,झगड़ा मत करो , दहशत न फैलाओ , नशा न करो , चोरी न करो ,सत्य बोलो ,असत्य न बोलो ,किसी से अकड़कर मत बोलो , गाली मत दो ,चिढाओ नहीं , बेवजह किसी को मरो मत | ये बातें  तो समाज के   कहने की हैं , लेकिन मनुष्य क्या कहता हैं और क्या करता हैं ? क्या आपने कभी सोचा हैं ? कि समाज इतना सब कुछ कह रहा हैं , और हम सब क्या कर रहे हैं ,आइए मैं आपको बताता हूँ कि आप क्या कर रहे हैं , इस वर्तामान में | किसी भी तरह से धन को प्राप्त करना हैं , चाहे उसके लिए चोरी करे ,चाहे किसी का क़त्ल करे ,चाहे झूठ बोले या फिर मारपीट करे | किसी का हक़ छीन कर आप लोग ऐशोआराम की जिन्दगी जिए | यह सब कुछ समाज नहीं कहता कि तुम ये सब करो | समाज तो कहता हैं कि आप सब लोग सदा अच्छे मार्ग पर चलें | लेकिन न बुरे  मार्गो पर लोग ही चलते हैं | चोरी करना ,दहशक फैलाना ,झगड़ा करना , क़त्ल करना आदि इस तरह के बुरे कार्य तो मनुष्य ही करते हैं| यदि आप सभी लोगों को समाज को अच्छा बनाना हैं ,तो फिर अपने द्वारा किये जा रहे कार्यो को छोड़ना पड़ेगा ,और अच्छे कार्यो को चुनना होगा | 
लेखक - आशीष कुमार 
कक्षा - ८ 
अपना घर , कानपुर 

2 टिप्‍पणियां:

Neha Mathews ने कहा…

यदि आप सभी लोगों को समाज को अच्छा बनाना हैं,तो फिर अपने द्वारा किये जा रहे कार्यो को छोड़ना पड़ेगा,और अच्छे कार्यो को चुनना होगा|
बहुत अच्छा सन्देश दिया है आपने|एक अच्छे समाज के निर्माण में आपका यह योगदान सराहनीय है |धन्यवाद

Kailash Sharma ने कहा…

इतनी छोटी उम्र में इतनी सुन्दर सोच..बहुत सुन्दर ..शुभकामनायें