सोमवार, 21 मार्च 2011

कविता : लड्डू चार

 लड्डू चार 

एक डिब्बे में लड्डू चार ,
बिक रहे थे वे बीच बाजार ....
तभी एक ग्राहक आया,
उस डिब्बे में हाथ लगाया ....
डिब्बा उठाते ही ग्राहक को लगा हल्का ,
तभी ग्राहक लड्डू वाले के तरफ सनका ....
एक डिब्बे में लड्डू चार ,
बिक रहे थे वे बीच बाजार ....

लेखक : ज्ञान कुमार
कक्षा :7
अपना घर

1 टिप्पणी:

Shah Nawaz ने कहा…

बहुत बढ़िया लिखा है...