पुलिस और वकील
सुनो सुनो यह बात अमन की ,
यह हैं अपने मुल्क का हाल....
पुलिस कहलाते देश के रक्षक,
वकील कहलाते कानून के रक्षक....
हो रही थी पुलिस और वकील में संघर्ष,
जब आई बात अपने खातिर दरी की .....
लड़ मरे दोनों सकरी भाई,
इनके ऊपर क्यों नहीं हुई कारवाही .....
क्यों की पता न चले जनता को भाई,
ये कर रहे थे नेतों के काम भाई.....
जब चुनाव आयेगा भाई,
वोट कौन देगा इनको भाई.....
इस लिए नहीं हुई थी इनकी कारवाही......
सुनो सुनो यह बात अमन की ,
यह हैं अपने मुल्क का हाल....
पुलिस कहलाते देश के रक्षक,
वकील कहलाते कानून के रक्षक....
हो रही थी पुलिस और वकील में संघर्ष,
जब आई बात अपने खातिर दरी की .....
लड़ मरे दोनों सकरी भाई,
इनके ऊपर क्यों नहीं हुई कारवाही .....
क्यों की पता न चले जनता को भाई,
ये कर रहे थे नेतों के काम भाई.....
जब चुनाव आयेगा भाई,
वोट कौन देगा इनको भाई.....
इस लिए नहीं हुई थी इनकी कारवाही......
लेखक सागर कुमार कक्षा ७ अपना घर कानपुर
2 टिप्पणियां:
इतनी छोटी उम्र में सुन्दर कविता, धन्यवाद.
वाह
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