रविवार, 15 सितंबर 2024

कविता:"चिड़िया "

"चिड़िया "
कितनी सुन्दर चिड़िया है ,
जरा उसके पंख और सुंदरता तो देखो | 
लगता है तुम्हे बुला रही है ,
सुरीली आवाज में चहचहा रही है | 
आसमान में उड़ती हवा को कटती ,
मस्त मगन लहरा रही है | 
लगता है किसी को बुला रही है ,
कितनी सुन्दर चिड़िया है | 
कवि :रमेश कुमार ,कक्षा :4th 
अपना घर 

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