शुक्रवार, 28 मई 2021

कविता : " प्रकृति ने खुशहाली से "

" प्रकृति ने खुशहाली से "

 प्रकृति ने खुशहाली से ,

इस पर्यावरण को सजा दिया | 

निर्मल जल से ,

सबका प्यास बुझा दिया| 

सूरज की कड़कती किरणे ,

धरती के हर कोने में उजिया फैलाए| 

उन पेड़ पौधों को नव जीवन प्रदान कराए,

पक्षी के पाँखों को चमका  देता है | 

उन नाजुक से फूलों को खिलखिला देता है,

शीतल पवन के झोंकों | 

शरीर के हर अंग -अंग को छू जाता ,

प्रकति ने खुशहाली से |

पर्यावरण को सजा दिया,

कवि :प्रांजुल कुमार ,कक्षा :12 

अपना घर

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