गुरुवार, 27 मई 2021

कविता : "मै जिंदा हूँ इस संसार में "

"मै जिंदा हूँ इस संसार में " 

मै जिंदा हूँ इस संसार में ,

ये मेरी मजबुरी नहीं है | 

मैं जिंदा हूँ इस संसार में ,

क्यों कि इस संसार को मेरी जरूरत है |

मै अकेला इस संसार में रह नही सकता ,

मुझे हवा , पानी , धूप चहिए | 

जिंदा रहने के लिए ,

आगे साथ चलने के लिए | 

एक नई दुनिया बसाने के लिए ,

वो भले ही क्यों ना | 

मनुष्य हो या हो फिर कोई जीव ,

कवि : नितीश कुमार , कक्षा :11 

अपना घर

 

 

 

कोई टिप्पणी नहीं: