मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

कविता:- कल रात जब मै सो रहा था

"कल रात जब मै सो रहा था"
कल रात जब मै सो रहा था।
सपनो की दुनियाँ में खो रहा था।।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना सर उठाया।
अपने आपको बेड के निचे पाया।।
मैंने सोचा मुझे क्या हो गया। 
बिस्तर से तकिया कहाँ खो गया।।
दूर पड़ी तकिये को देख मुझे राहत आयी। 
तब जाकर मुझे नींद आयी।।
कल रात जब मै सो रहा था। 
सपनो की दुनियाँ में खो रहा था।।
कविः- कुलदीप कुमार, कक्षा -9th, अपना घर, कानपुर,
 

कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।  कुलदीप पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं।  कुलदीप एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं।  कुलदीप अपनी कविताओं से लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं।  इनको  क्रिकेट खेलना पसंद है

2 टिप्‍पणियां:

विश्वमोहन ने कहा…

वाह! बहुत सुंदर रचना। सलाम आपकी रचनात्मकता को!!!

BAL SAJAG ने कहा…

dhanyvad sir