" देश होता जा रहा है खोखला "
फैशन का चल रहा है जलवा,
देश होता जा रहा है खोखला |
तरह -तरह की नई चीजें आती,
ये सब बड़े बड़े को नाच नचाती |
फैशन का चल रहा है जलवा,
गन्दी चीजें कर रही है हमला |
इमारतों से भरती जा रही है दुनिया,
कब समझेंगे देश के बनिया |
पेड़ सब कटते गए,
ऑक्सीजन की मात्रा घटती गई |
फैशन का चल रहा है जलवा,
देश होता जा रहा है खोखला |
नाम : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के निवासी हैं | कुलदीप कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक वह बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | कुलदीप क्रिकेट बहुत अच्छा खेल लेते हैं | कुलदीप हर दिन कुछ न कुछ नया करता रहता है और छोटे बच्चों को ज्ञान की बातें बताता रहता है |
3 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (10-06-2019) को "बेरोजगारी एक सरकारी आंकड़ा" (चर्चा अंक- 3362) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया संदेश
बहुत ही खुबसूरत
बहुत उम्दा लिखा है.
Raksha Bandhan Shayari
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