" बचपन "
जब मैं छोटा बच्चा था,
बचपन में मैं गोरा था |
बचपन में मैं शैतान था,
मम्मी गलती पर डाटती थी |
फिर भी वही काम करता था,
पापा मेरे लिए रसगुल्ला लाता था |
मिठाई मैं पेट भर के कहते था,
जब मैं छोटा बच्चा था |
बचपन में मैं मोटा था |
जो काम नहीं करना होता,
वह काम मैं करता था |
नाम :मंगल कुमार , कक्षा : 3rd , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता अपना घर के सबसे नए छात्र मंगल ने लिखी है जो की मध्य प्रदेश निवासी हैं और अपना घर में रहकर कक्षा 3rd में पढ़ते हैं |
मंगल की यह पहली कविता है जिसको अपने ऊपर लिखा है | मंगल चाहते हैं की वह आगे और भी कविता लिखेंगे |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें