" आसमान को छूकर आएंगे"
हमें भी जाना है आसमान में
इस सितारों के संसार में |
ये जुगनू जैसे सितारों को
हम पकड़कर और छूकर आएंगे,
पृथ्वी को स्वच्छ और सुंदर बनाएंगे |
जगह - जगह से हम कूड़ा उठाएंगे,
भारत को स्वच्छ और सुंदर बनाएंगे |
हमें भी जाना है आसमान में ,
इस सितारों के संसार में | |
कवि : कुलदीप कुमार ,कक्षा :6th ,अपनाघर
कवि परिचय : यह कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ से आय हुआ हैं | इनको डांस करना बहुत पसंद है | कक्षा में हमेशा ध्यान देते हैं | इनके माता - पिता गृह निर्माण का कार्य करते हैं | हमें उम्मीद है की आगे चलकर यह अपनी बेहद रचना भरी कवितायेँ लिखेंगे |
13 टिप्पणियां:
जो सोच आपकी अभी है, आगे भी ऐसी ही रहे, यही भगवान से दुआ है। आगे चलकर आप और अच्छा करें। आपका भविष्य उज्ज्वल हो।
Best of luck. Loving proudly this trust.
I saw this today in newspaper.
बहुत सुन्दर रचना है
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार ०६ नवंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
बहुत सुन्दर रचना कुलदीप . सस्नेह आशीर्वाद .
बहुत सुन्दर सपना देखा है कुलदीप आपने ! जीवन में उन्हें ही बड़ी सफलता मिलती है जो सपने बड़े देखते हैं क्योंकि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए उतनी ही मेहनत भी करते हैं ! मेरी बहुत सारी शुभकामनाएं आपके साथ है बेटा ! खूब नाम कमाना और ऊँचा मुकाम हासिल करना !
आप जरूर आसमान की उचाँइयों तक जायेंगे कुलदीप बाबू । खूबसूरत कविता । ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ।
सम्पूर्ण सत्ताएं एक ही परम सत्ता और सम्पूर्ण भाव एक ही परम भाव के अंतर्भूत है. उन परम भावों का प्रादुर्भाव बालपन के उर्वरा प्रांगण में होता है. इसी बात को महाकवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने कहा " Child is the father of man " और इसी बात को प्रमाणित किया है आपने अपनी इस रचना में!!! बधाई, आभार और शुभकामनाएं कि सृष्टि के आप सरीखे नव प्रसूनों के सुवास से साहित्य का आंगन सर्वत्र और सर्वदा सुरभित होते रहे!!!! यूँ ही लिखते रहें , सीखते रहें और साहित्याकाश में दीखते रहें !!!!
आसमान स्वयं झुकेगा आपके सामने
सितारों से झोली भर जायेगी.....
आकांक्षाएं बुलंद रखना अपनी,
मेहनत एक दिन जरूर रंग लायेगी।
शुभकामनाएं......
आप स्वयं किसी सितारे से कम नही हो। बहुत बढ़िया रचना। waahhh
जरूर तुम भी चमकोगे इक दिन ,खूब नाम। कमाओगे।
आशीष ।
बहुत सुंदर ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ
बेहतरीन....
सादर....
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