आँखों को प्यारी नींद हमारी
न बुलाओ तब भी आता
आकर मुझको सताता
बताओ हम लोग को
कोई क्यों नही उठाता
जो मुझको उठाता सुबह
होकर मैं उसको बहुत सताता
स्कूल में मुझे आता नींद
पढाई में मेरा न लगता मन
जल्दी उठाना कोई बात नही
नींद में उठाना अच्छी बात नही
सभी को अपनी नींद प्यारी
न सो ओ तो आँखों बेचैन हमारी
फिर इसके आगे कई रोक न हमारी
सोने दो भाई आँखे है बेचैन हमारी
नाम -विक्रम कुमार
कक्षा -5
अपनाघर ,कानपुर
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