गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013

कैसी है ये दुनिया



आओ बच्चो तुम्हे दिखाऊ 
 कैसी है  कैसी है  ये दुनिया   
इस दुनिया में सब बटे हुए है 
कोई हिन्दू कोई मुश्लिम 
लड़ते लड़ते ही मर जाते है 
पहले थी कितनी सुन्दर यह दुनिया 
पर अब जाने कैसी हो गयी है यह दुनिया
धरती का तो था एक ही सहारा 
जिसका नाम था ओजोन प्यारा 
दुनिया ने इतना कूड़ा करकट मारा
 बन गया डोजोंन  बेचारा
 कैसी है  कैसी है  ये दुनिया  ………………… 
कैसी है  कैसी है  ये दुनिया   …………………… 

प्रान्जुल 
अपना घर , कक्षा -4

4 टिप्‍पणियां:

के० एम० ने कहा…

thanks Yashwant Uash ji.

विभूति" ने कहा…

बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति......

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !

ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बाल दिवस विशेषांक बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं यानि बच्चे किसी से कम नहीं मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Madan Mohan Saxena ने कहा…

सुन्दर रचना,बेहतरीन, कभी इधर भी पधारें
सादर मदन