मौसम
नीले - नीले आसमान में ।
पानी है काले - काले बादल में।।
बादल है या कोई छाया है।
यह तो ईश्वर की माया है।।
पानी कब ये बरसेगा ?
इन्सान कब तक तरसेगा ?
जब भी ये पानी बरसेगा।
धरती को पहले सीचेंगा ।।
हम खूब नहायेंगे पानी में।
कागज की नाव तैरायेंगे नाली में ।।
पानी में झम - झम कूदेंगे।
सबके संग हम भीगेंगे।।
पानी पाकर धरती में होगी हरियाली।
घर घर में छाएगी फिर खुशहाली।।
कवि : नितीश कुमार
अपना घर, कक्षा: 3rd
1 टिप्पणी:
बहुत अच्छी कविता है ।
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