वही है भगवान
जिन्हें अपनों की परवाह नहीं ,
दूसरों से चाहत नहीं ...
इन्साफ की परवाह नहीं ,
वह अपना हिन्दुस्तान नहीं ...
जिसे अपने पेट की परवाह हीं नही ,
अपनी बीबी से लगाव नहीं ....
और अपने बच्चों से प्यार नहीं ,
वह एक सच्चा इंसान नहीं ....
जिसे सभी से प्यार हो ,
हर एक से लगाव हो ....
और सभी को सम्मान दे ,
वह है एक सच्चा इंसान ....
वही है इस युग का भगवान ,
लेखक : अशोक कुमार , कक्षा : 9, अपना घर
1 टिप्पणी:
प्रिय अशोक
तुम्हारी कविता बहुत पसन्द आई ।सच्चे इंसान की पहचान ठीक बताई है।कविता का भाव बहुत अच्छा है।
सुधा भार्गव
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