शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

कविता : "माँ तुम्हारी याद आती है "

 "माँ तुम्हारी याद आती है "
माँ मुझे तुम्हारी याद आती है। 
थोड़ा ही सही पर बहुत सताती है। 
माँ मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है। 
  
कभी पढ़ते  समय मन में आती है। 
तो कभी खेलते समय मन में मुस्कुराती है। 
कभी - कभी सोते समय भी मुझे सुल्लती है। 
 माँ मुझे तुम्हारी याद आती है। 
 
इस जिंदगी के दौड़ में। 
जब परेशानी से हार  जाता हूँ ।  
तो बस तू ही मुझे समझती है। 
जब मै रोउ तो तू ही चुप करती है। 
माँ मुझे तुम्हारी याद आती है। 
कवि : गोविंदा कुमार, कक्षा : 9th,
अपना घर।