गुरुवार, 6 जून 2024

कविता: "राहों पर चलना सीखा दिया "

 "राहों पर चलना सीखा दिया "
ना चाहते हुए भी उसने हमें बताया 
बार -बार कह कर हमसे वह काम करवाया 
रोज डाटना ,रोज कहना 
कह -कह कर थक जाना 
पर हार ना मानकर वही चीज 
बस गया नस-नस में 
फिर हमने भी ठान लिया 
अब कहने का मौका ही नही देना  है 
कहने से पहले ही वह काम कर लेना है 
पर अब दुबारा कहने का मौका  ही नहीं देना है 
ना  चाहते हुए भी उसने हमें बताया 
बार -बार कह कर हमसे वह काम करवाया 
कवि : गोविंदा कुमार, कक्षा :8th 
अपना घर  

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