शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

कविता : "काश पेड़ हमारे बराबर होते "

"काश पेड़ हमारे बराबर  होते "

काश पेड़ हमारे बराबर  होते | 

जब मन चाहता चिड़ियो के घोंसले में झाँक लेते ,

जब मन जब पेड़ से फल तोड़ लेते | 

चिड़ियो के बच्चो से  उनके बचपन में ही पहचान हो जाती ,

चिड़िया हमें जानती और पहचानतीं | 

उनके बच्चे के साथ खेला करते ,

भूख लगे तो उसे खिला देते | 

काश पेड़ हमारे बराबर होते ,

कवि : राहुल कुमार , कक्षा : 8th 

अपना घर

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