प्यारे बनो ,न्यारे बनो
प्यारे बनो ,न्यारे बनो,
सबके दिल के दुलारे बनो |
करो सदा अच्छे काम ,
जिससे हो जग में तेरा नाम |
जागनी पड़ेगी सारी रात,
अगर पाना चाहते हो अपना पथ |
समय को कभी नहीं करना बर्बाद,
हमेशा रखना यही याद |
जिंदगी का लो पूरा आनंद,
जैसे जिए थे विवेकानंद |
कवि -देवराज कुमार , कक्षा - 7th ,अपनाघर
कवि परिचय : बिहार के रहने वाले देवराज | आजकल कविताओं के बादशाह माने जाते है | ये हमेशा कुछ नई सोच के साथ अपनी कविताओं को ख़ूबसूरत बनाते है | ये क्रिकेट खेल में भी माहिर है| ए बी डिविलियर्स इनके बेस्ट खिलाडी है | इनको डांस करना बेहद पसंद है | उम्मीद है की ये हमेशा नई सोच के साथ अपनी कविता को लिखेगें |
7 टिप्पणियां:
बहुत ख़ूब ! अतिसुन्दर रचना बेहद शिक्षाप्रद बेटा लिखते रहिए मेरी शुभकामना आपके साथ है आभार "एकलव्य"
शुभ प्रभात
कानपुरिया देवराज
पहले ही आतंक था चोटी काटने वाके का
अब कान काटने वाला कानपुरिया का आने वाला है
अशेष शुभकामनाएँ...
सादर
भविष्य के भोर, नव सृजन के साज!
चरैवती , चरैवती, चरैवती देवराज !!..... बधाई और शुभ कामना!!!
बहुत ही शिक्षाप्रद रचना लखते रहो ,बधाई।
बहुत सुन्दर...
शुभकामनाएं...
Vishwa Mohan Jee
आपके हौसलाफजाई और बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
बाल सजग टीम
Sudha Devrani
Many - many thanks to read the poem .
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