" ये साल बेहाल"
जनवरी में हम सर्दी झेले,
फरवरी में शाम को खेले ।
परीक्षाएं होती है मार्च में ,
परिणाम आये अप्रैल में ।
मई है पूरा लू का महीना,
जून में आये खूब पसीना ।
जुलाई में जमकर बूंद -बांदी ,
अगस्त में मिली हमको आज़ादी ।
सितम्बर है शिक्षक दिवस का,
अक्टूबर में वध किया रावण का।
नवम्बर है बच्चों का महीना ,
दिसम्बर है अब आखरी महीना ।
नहीं पता चला कैसा बीता साल,
लेकिन ये साल है पूरा बेहाल ।
कवि: प्रांजुल कुमार, कक्षा 7th, अपना घर, कानपुर
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