रविवार, 3 सितंबर 2023

कविता:"समय "

"समय "
 समय के साथ सब बदल रहा है | 
पहले हर वक्त शोर मचाते थे 
अब शांत रहने में मज़ा आ  रहा है | 
समय के साथ सब बदल रहा है 
पहले  सब के साथ मिल कर रहते थे  | 
अब अकेले रहने में मज़ा आ रहा है  
समय के साथ सब बदल रहा है | 
 जो बातें सब के साथ शेयर किया करते थे 
अब वह बातें छिपाने में मज़ा आ रहा है |  
समय के साथ सब बदल रहा है 
कवि :कामता कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

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