सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

कविता : "पुरानी यादें"

"पुरानी यादें"

आज उस चीज को | 

याद करके हसीं आती है ,

और मजाक सा लगता है | 

वो पुरानी बातें करके ,

आज भले ही भूल गए हो | 

लेकिन कुछ बातें अभी भी याद है ,

जैसे क्लॉस के समय | 

लंच करना , मैम का नकल करना ,

दिन बदलते गए | 

यादें हमारी बढ़ती गई ,

आज इतनी हो गई कि | 

अगर रोज लगातार बात करे ,

तो भी खत्म नहीं होगी | 

क्योकि पुरानी यादे होती है ,

कुछ ऐसी | 

जो कभी मिटाया नहीं जाता ,

मिट भी गया तो उसे याद भी नहीं किया जाता | 

कवि : नितीश कुमार ,कक्षा : 11th 

अपना घर

 

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