बुधवार, 28 अप्रैल 2021

कविता : हमारा राजनीतिक दौर कैसा है

 " हमारा राजनीतिक दौर कैसा है "

 

हमारा राजनीतिक दौर कैसा है,

वादों  की  तो पोटली सा खोलता | 

वक्त पर सबसे प्रेम से बोलता,

बेरोजगारी दूर करने की न सोचता | 

हमारा राजनीतिक दौर कैसा है,

दिल जितने के लिए तरीके अपनाता | 

चुनाव जितने के लिए कुछ भी कर जाता।

 हमारा राजनितिक दौर कैसा है | 

साथ अनजान को भी गले लगाता, 

पर लोग क्या करे समाज ही ऐसा है | 

हमारा राजनीतिक दौर कैसा है | | 


कवि : रविकिशन 

कक्षा : १२ 

 अपनाघर


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