गुरुवार, 9 जुलाई 2020

कविता : काले बादल

" काले बादल "

काले - काले बादल आया,
साथ में अपने बारिश लाया | 
रिमझिम - रिमझिम बरसता,
नदी -तालाब को भर देता | 
खेतों में हरियाली लाता,
प्रकृति को यूँ ही खुश कर जाता | 
देख इसको मन मुस्काता,
फिर इसको जी भर देखना चाहता |
काले - काले बादल आया,
साथ में अपने बारिश लाया | 

कवि : शिवा कुमार, कक्षा : 4th , अपना घर

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