"रिमझिम करती बारिश आयी "
रिमझिम करती बारिश आयी ,
कही कही बादल गिरते
तो कही बम के गोले गिरते ,
ऐसी बारिश में नहाने को बहुत मन
करता
कभी कभी मन करता की समुन्दर पर
तैरु ,
बारिश में खाने का ,टीवी देखने
का दिलचस्प रहता मन ,
प्यासी रहती भी बृष और बगीचे
इनकी प्यास बुझाने बारिश आयी
नाम =राज ,कक्षा =८
अपना घर
2 टिप्पणियां:
बहुत ख़ूब ! क्या बात है ,सुन्दर अभिव्यक्ति आभार। "एकलव्य"
बहुत ही सुंदर भाव.
रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
कृपया कैप्चा हटा लिजीये, दिक्कत होती है.
सादर
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