सोमवार, 4 जनवरी 2010

कविता मैने उसको पटका

मैने उसको पटका
रात को मैं जा रहा था ।
रास्ते में कुत्ता सो रहा था ॥
अकेला समझ के मुझ पर दौड़ पड़ा ।
लिए था मैं एक मोटा डंडा ॥
जैसे उसने मुझको पकड़ा
झट से मैने उसको पटका
वापस घर को चलता बना
रात को मैं जा रहा था । ।
लेखक अशोक कुमार कक्षा ७ अपना घर कानपुर