यह सब है भ्रष्टाचार
मरे को क्या मरते हो ,
वर्दी पहन सब पर रोब जमाते हो ....
लोगों पर करते हो अत्याचार ,
मर्द हो तो ख़त्म करो भ्रष्टाचार....
एक जुट होकर रखेंगें हम यह लड़ाई जारी ,
हर घूसखोर,पुलिस औ नेता के पीटने की है बारी ....
न जाने कितने हुये घोटाले ,
डाल दो उनके मुंह पर ताले ....
जिसने किये हैं यह सभी घोटाले ,
चाहे नेता,मंत्री हो चाहे बाहर वाले ....
आज भी कई गरीब भूखे मरते हैं ,
क्योंकि बड़े बाबू उनका शोषण करते हैं ....
क्या यह है हमारा शिष्टाचार ,
बंद करो यह सब है भ्रष्टाचार ....
लेखक : आशीष कुमार
कक्षा : 8
अपना घर
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