" जिंदगी है बहते सागर जैसी "
जिंदगी यह बहता सागर की तरह है ।
जिंदगी का कोई तो छोर होगा ,
सागर के बहते लहरों में ,
अपने हौसलों को बनाया है ।
इन नन्ही चीटियों को देखकर,
हर विपत्ति से लड़ने का हौसला आया है ।
अपने लक्ष्य की ओऱ बढ़ते क़म,
मुशीबतों को देखकर पीछे न होगा।
जिंदगी एक बहता सागर की तरह है,
इस जिंदगी का कोई तो छोर होगा ।
कवी: संजय कुमार ,कक्षा 12TH
अपना घर
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