शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

कविता :- पहले का था यह इतिहास

   "पहले का था यह इतिहास"
पहले का था यह इतिहास।
ना कोई गाड़ी थी ना कार।।
कई कोशिशों के बाद।
बल्ब का हुआ अविष्कार।
दुनियाँ बदल गयी है।।
नाशा इशरो कम्पनी हुयी स्टार्ट।
फोनो में कई ऐप्प का हुआ अविष्कार।।
एप्पल वीवो सैमसंग जिओ और नोकिआ।
सब रखते है अपने पास।।
व्हाट्सऐप जैसे ऐप्प में लगते है दिमाग।
यह भी नहीं सोचते कर ले थोड़ा काम।।
पहले का था यह इतिहास।
ना कोई गाड़ी थी ना कार।।
कवि:- अमित कुमार , कक्षा - 6th ,अपना घर, कानपुर,
कवि परिचय :- ये अमित कुमार है। जो बिहार के नवादा जिले के रहने वाले है। ये कानपुर में अपना घर हॉस्टल में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रहे है इन्हे कविता लिखना पसंद है। 

शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2020

कविता :- मेरे खुशियों की जिंदगी में

"मेरे खुशियों की जिंदगी में"
मेरे खुशियों की जिंदगी में।
चाँद तारो का बसेरा है ।।
उगते हुए सूरज की तरह। 
मेरे जिंदगी का सवेरा है ।।
हर कदम सोच कर रखेते है।
 परिवार का हालत देख डरते है ।।
करना है कुछ बड़ा उनके लिए।
 यही सोच रखते है ।।
फैसला जो किया है वो करके निभाएंगे।
बस जिंदगी में आगे ही आगे बढ़ते जायेंगे।।
चाहे जितनी भी रूकावट आये रहो में।
हर रूकावट से लड़ जायेंगे ।।
पहुंचकर मुकाम पर खुशियाँ बाट जायेंगे।।
मेरे खुशियों की जिंदगी में।।
 चाँद तारों का बसेरा है। 
कविः - संजय कुमार ,कक्षा - 10th ,अपना घर, कानपुर,
 
 

कवि परिचय : - ये संजय कुमार है। जो झारखण्ड के रहने वाले है। ये कानपुर में अपना घर नमक हॉस्टल रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे है। इन्हे कविता लिखना बहुत पसन्द है।