शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

कविता : खुश रहो बहन और भाई

" खुश रहो बहन और भाई "

खुश रहो  बहन और भाई ,

ये समय नहीं आयेगा दुबारा | 

तो तोडा मुस्कुरा भी दो ,

औरो की चेहरे पर चार चाँद लगा भी  दो | 

खुश रहो  बहन और भाई ,

ये समय नहीं आयेगा  दुबारा | 

ये समय है अपने आप को  बनाने  का ,

 हर  मंजिल  को  है पाने का | 

खुश रहो  बहन और भाई ,

ये समय नहीं आयेगा दुबारा | 


कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 10th  ,  अपना घर

 


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