"माँ के आँचल में सोया रहता हूँ"
अपने सपनों में खोया रहता हूँ।
न जाने क्यों खुद को।।
अकेला महसूस करता हूँ।
जाने क्यों उदास बैठा रहता हूँ।।
परिवार से दूर नही रहना चाहता हूँ।
न ख़ुशी न माँ का प्यार।।
न ही दोस्तों से मिलना जुलना।
मै अपनी माँ की सिर्फ राह देखता हूँ।।
न जाने क्यों खुद को।
अकेला महसूस करता हूँ।।
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा - 6th , अपना घर, कानपुर
कवि परिचय : यह कविता सुल्तान के द्वारा लिखी गई है। जो की बिहार के
रहने वाले हैं। सुल्तान कवितायेँ बहुत अच्छी लिखतेहैं। सुल्तान पढ़ाई के
प्रति बहुत ही गंभीर रहते हैं।
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