समय समय पर क्या होता,
हर गाँव शहर में आदमी रोता.....
कोई रोटी के लालच में,
कोई पैसो के लालच में .....
समय समय पर क्या होता,
हर गाँव शहर में आदमी रोता .....
आदमी भूख से ही मार जाता,
और पता नहीं क्या होता....
जिधर भी देखो उधर ही,
आदमी ही हैं रोता.....
लेख़क ज्ञान कक्षा ७ अपना घर कानपुर
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर .....धन्यवाद !
नन्ही ब्लॉगर
अनुष्का
बहुत बढ़िया..
सुन्दर बाल कविता के लिए
ज्ञान जी को बधाई!
--
आपकी इस पोस्ट की चर्चा
बाल चर्चा मंच पर भी की गई है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/21.html
एक टिप्पणी भेजें