"मासूम दुनिया "
बहुत मासूम है यह दुनिया ,
एक चीज के पीछे हजार लोग भागते है |
पर नसीब में किसी का न होता,
कुछ लोग अकेलापन को अपना दुनिया मानते|
अब अनजान बनकर रहना चाहते है ,
बहुत मासूम है यह दुनिया|
सब लोग अपने आप को बड़े मानते है |
जो चाह में आये वह करना चाहते है,
एक चीज के पीछे हजार लोग भागते है|
बहुत मासूम है यह दुनिया ,
सिर्फ दूसरों में गलती निकालते है |
पर अपने गलतियों पर अमल नहीं करते ,
बहुत मासूम है यह दुनिया|
कवि : अमित कुमार ,कक्षा :10th
अपना घर
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