सोमवार, 9 सितंबर 2024

कविता :"ये बेरंगीन हवाएं "

"ये बेरंगीन हवाएं "
गजब की है ये सदाएं ,
आसमान में उड़ा ले जाए ये बेरंगीन हवाएं | 
अपने  रंग में रंगकर बेहतरीन राग सुनाए ,
हर द्वेष भाव को क्षड़ ही भुलाए | 
मोहब्बत चारो ओर फैलाए ,
भुलवा देती है जीवन की बाधाएं | 
आसमान  में उड़ा ले जाए ये बेरंगीन हवाएँ ,
कोसो दूर  से सन्देश लाए | 
जीवन की सुंदरता से प्रेम मिलाये ,
रखती है दिलचस्पी बराबर सभी में | 
गजब की है सदाएँ ,
आसमान में उड़ा ले जाए ये बेरंगीन हवाएँ | 
कवि :साहिल कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें