गुरुवार, 2 मई 2024

कवि ता:"प्रकृति "

"प्रकृति " 
ये जंहा है मुझको प्यारा ,
जहा पनपती है जीवन सारा | 
यंहा हर प्रकार की बहार है ,
जंहा सूरज के उगने से जगमगाता संसार है | 
कितना प्यारा और सुन्दर जंहा है ,
जंहा बस्ती हर तिनको पर जान है | 
हर रीतियुओ की यंहा बौछार है ,
जंहा चमचमाता हमारा ब्रह्माण्ड है | 
ये जहान है मुझको प्यारा ,
जंहा पनपती है जीवन सारा | 
कवि :संतोष कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर

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