बुधवार, 15 मई 2024

कविता :"खुशी बाटी है "

"खुशी बाटी है "
क्या तुमने भी किसी को खुश किया है ?
या फिर दो पल हंसाया है | 
क्या तुमने भी गिरे लोगो को उठाया है ?
या फिर रूठे हुए को मनाया है | 
क्या कभी शांत वातावरण में जिया है ?
या फिर शोर- शराबे में रोया है | 
क्या तुमने किसी को धमकाया है ?
या फिर किसी को मारा है | 
मेरे तो दिन बुरे है आज ,
पर क्या तुमने इसे कभी आजमाया है ?
कवि :पंकज कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 
 

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