मंगलवार, 18 जुलाई 2023

कविता: "दोस्ती "

"दोस्ती "
 दोस्त उसे बनो जो दोस्ती के काबिल हो | 
जो जरूरत पड़ने पर हर वक्त हाजिर हो 
जिस पर बिना शक किये | 
भरोसा करने पर वाजिब हो 
दुःख के पथ हो या खुसी के घडी | 
जिसको सिर्फ तुम्हारी फ़िक्र हो पड़ी 
सुख के वक्त तो ऐसा लगे जैसे | 
किसी पौधे पर हो गुलाब की काली 
उसकी या हमरी आँखे नम न हो | 
एक दूसरे की ख़ुशी देखकर गम न हो   
दोस्तों की ऐसी दोस्ती हो | 
जिसका प्यार कभी काम न हो 
कवि :सार्थक कुमार। कक्षा 12th
अपना घर 

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