सोमवार, 17 जुलाई 2023

कविता :"बारिश "

"बारिश "
 रिमझिम रिमझिम बारिश हो रही  है|  
रुकने का नाम नहीं ले रही है 
बादल बने है काले घने | 
उमड़ उमड़कर साथ में आ  रहे है 
चारो ओर अँधेरा है छाई | 
बन रही है घटा आज 
लगता है बारिश होने वाली है | 
कुछ बूंद गिरने शुरू हो गए 
धीरे धीरे बदल भी गरजने लगे|  
रिमझिम रिमझिम बारिश हो रही है 
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  

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