बुधवार, 23 जून 2021

कविता : " आसमान में तारे "

" आसमान में तारे "

 आसमान में तारे | 

दिखते है बहुत सारे ,

कुछ टिमटिमाते हुए | 

कुछ झिगमिगाते हुए ,

उन अंधेरी रातों में | 

जुगनू के तरह रोशनी फैलाते हुए | 

आसमान में तारे ,

दिखते है बहुत सारे |

कवि : गोपाल कुमार , कक्षा : 4

अपना घर

 

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 24-06-2021को चर्चा – 4,105 में दिया गया है।
    आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
    धन्यवाद सहित
    दिलबागसिंह विर्क

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  2. बहुत सुंदर बाल कविता बाल मन ही सुकोमल ।
    बधाई आपको नन्हे कविवर।

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