गुरुवार, 24 जून 2021

कविता : "सपने "

"सपने  "

रात के सपने और दिन के सपने | 

दोनों में बहुत अंतर हैं ,

दिन में जो सपने देखतें है |

वो अपने सफ़लता के बारे में देखतें हैं ,

और रात में जो सपने देखतें हैं | 

जो अपने दुनिया के बारे में देखतें हैं ,

दिन के सपने हमेशा | 

असल दुनिया से जुड़ा रहता हैं ,

रात के सपने हमेशा | 

एक कलनीक दुनिया से होता हैं , 

कवि : नितीश कुमार , कक्षा :11 

अपना घर

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