गुरुवार, 26 मार्च 2020

कविता : महामारी

" महामारी "

फ़ैल रही है महामारी,
ये है कोरोना जैसी घातक बीमारी | 
एक को होकर दूसरे को होए,
जो भी उन बीमारों को छुए | 
इसका संक्रमण तेजी से फैलता,
कोरोना का इलाज मुश्किल से मिलता | 
खुद तो मौज से घूम रहा  है,
लोगों को यूँ ही कैद कर रहा है | 
मैं इसके बारे में क्या बताऊँ,
पूरा शहर है इससे lockdown | 

कवि : प्रांजुल कुमार।  कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता प्रांजुल के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | पढ़लिखकर एक नेक इंसान बनने के साथ अपने परिवार वालों की मदद करना चाहते हैं | प्रांजुल पढ़ने में बहुत ही होशियार हैं | हमेशा लोगों को अपनी बातों से प्रेरित करते हैं |

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