गुरुवार, 19 मार्च 2020

कविता : कोरोना

" कोरोना "

फ़ैल रही है महामारी,
कर लो अब बचने की तैयारी | 
लोग हो या हो व्यापारी 
सबको फैलेगी कोरोना वायरस  बीमारी | 
सर दर्द , खाँसी और बुखार,
इस वायरस का नहीं है उपचार | 
जिसको वायरस लपकता है,
वो जिंदगी से जल्द टपकता है | 
आजकल इसी का है भौकाल,
लोगों ने कर ली धीरे अपनी चाल | 

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता विक्रम के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं और कवितायेँ लिखने में बहुत रूचि रखते हैं | विक्रम एक अच्छे छात्र होने के साथ साथ एक अच्छे मित्र भी बन कर रहते हैं | विक्रम को कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है |



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